लेखनी कविता -कभी जब तेरी याद आ जाय है - फ़िराक़ गोरखपुरी

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कभी जब तेरी याद आ जाय है / फ़िराक़ गोरखपुरी कभी जब तेरी याद आ जाय है दिलों पर घटा बन के छा जाय है शबे-यास में कौन छुप कर नदीम1 ...

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